गुप्त रखना
किसी रहस्य को गुप्त रखना मनुष्य की पवित्रता की रक्षा करने जैसा ही है। जो लोग व्यक्तिगत या मित्र के रहस्यों को सुरक्षित रखते हैं वे स्वयं को पवित्र रखते हैं। इसके विपरीत, जो लोग रहस्यों को दूसरों के सामने उजागर करते हैं वे अपने सम्मान और प्रतिष्इा को नुकसान पहुंचाते हैं।
यदि आप किसी को कोई रहस्य बताना चाहते हैं तो ये सुनिश्चित कर लें कि आप उस पर अपने मर्यादा के साथ विश्वास कर सकते हैं। उसे आपके रहस्य की रक्षा में उतना ही सचेत रहना होगा जितना वो अपने सम्मान के लिए सचेत होता है। एक अविश्वासपत्र व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो पवित्रता के मूल्य से अज्ञान है, पर रहस्य की रक्षा के लिए भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।
किसी के रहस्य को गुप्त रखना और दूसरों के रहस्य का सम्मान करना स्व-अनुशासन और संवेदनशीलता से संबंधित गुण है। जिन लोगों में समझदारी का अभाव है, वे रहस्यों की रक्षा नहीं कर सकते। जो उसके परिणाम की परवाह नहीं करते उन्हें बुद्धिमान नहीं समझा जा सकता।
ये सामान्यतया बुद्धिमत्ता है कि अपनी व्यक्तिगत बातें दूसरों को नहीं बतानी चाहिए। विशेष रूप से उन लोगों को जो अनाकर्षित, क्षतिकर या अयोग्य है। ऐसा करना प्रियजनों को शर्मिंदा और शत्रुओं को खुशी प्रदान कर सकता है और साथ-साथ अन्य अप्रिय परिणाम हो सकेत हैं।
हृदय की रचना तिजोरी की तरह रहस्यों को रखने के लिए है। बुद्धिमत्ता उसका ताला है; आत्मविश्वास उसकी चाभी। यदि ताला और चाभी खराब नहीं है तो कोई भी इस तिजोरी को तोड़ कर इसमें रखी मूल्यवान वस्तुओं को नहीं चुरा सकता।
ध्यान में रखें कि जो व्यक्ति दूसरे के रहस्य आप से बताता है वो आपके रहस्य भी दूसरों को बता सकता है। ऐसे अव्यवहारिक व्यक्ति को कोई ऐसा मौका न दें कि वो आपके व्यक्तिगत विषयों की छोटी सी बात भी जान सकें।
यदि किसी ऐसे व्यक्ति को आप दूसरा रहस्य बताते हैं जिसने आपके रहस्य को पहले उजागर कर दिया था तो इसमें आपकी विश्वासपात्र मित्र के चयन की कमी और गलत फैसला दिखता है। जो हृदय से ऐसे विषयों पर दृढ़ रहते हैं और सचेत रहते हैं वे धोखा नहीं खा सकते और बार-बार छले नहीं जा सकते।
यहां व्यक्ति संबंधित, परिवार संबंधित और राष्ट्र संबंधित रहस्य होते हैं। व्यक्तिगत रहस्यों को उजागर करके आप व्यक्ति के सम्मान में बाधा डाल रहे हैं। पारिवारिक रहस्य को उजागर करके आप परिवार के सम्मान और राष्ट्रीय रहस्य को उजागर करके राष्ट्र के गौरव को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रहस्य तभी तक शक्ति है जब तक वो मालिक के सीने में दफन हैं, लेकिन ये यही हथियार है जो दूसरों के हाथ में पड़ते ही मालिक के खिलाफ इस्तेमाल हो सकता हैं एक हमारी पारंपरिक कहावत का अर्थ है। “रहस्य आपका गुलाम है, लेकिन आप उसके गुलाम बन जाते हैं जब आप उसको उजागर करते हैं।”
बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों को सुरक्षित रखा जा सकता है यदि उन्हें गुप्त रखा जाये। अक्सर ऐसा होता है कि संलग्न लोग उन विषयों को गुप्त नहीं रखते तो उसमें उन्नति नहीं मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, उसमें संलग्न व्यक्तियों के लिए गम्भीर खतरा हो सकता है, विशेषकमर यदि विषय संवेदनशील राष्ट्रीय मामलों से जुड़ा है तो।
यदि कोई देश अपने रहस्यों को शत्रु से नहीं बचा सकता तो वो विकास नहीं कर सकता। यदि एक सेना रणनीति को अपने शुत्रु के सामने उजागर कर देती है तो विजय प्राप्त नहीं कर सकती। यदि मुख्य कर्मचारी, विरोधियों द्वारा अपने पक्ष में कर लिए जाए तो उन्हें रोजगार देने वाले कभी सफल नहीं हो सकते।
जो बताने लायक है उसकी व्याख्या कीजिए, लेकिन अपने सारे रहस्य कभी ना बताएं। जो हृदय के सारे रहस्य खोल देते हैं वे स्वयं को और राष्ट्र को पतन से नहीं बचा सकते।
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